मंदिर-मस्जिद

एक बनाया हमको जिसने, हमने उसको बाँट दिया, एक दूजे को आपस में ही, धरम-धरम में छांट दिया| कहते हैं राम की भूमि है, मंदिर यहीं बनाएँगे, अपने भगवान की खातिर ये, तेरा भगवान हटाएंगे| फिर क्यों वो पीछे हट जाएँ, वो अपनी मस्जिद चाहते हैं, पर ना हाजी,ना संत हैं वो, जो आपस में … Continue reading मंदिर-मस्जिद